मानसिक स्वास्थ्य के लिए अपनी डाइट में शामिल में करें ये पोषक तत्व



आहार का हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है। आज के दौर में हर दूसरे व्यक्ति को तनाव व चिंता रहती है। ऐसे में मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखना बेहद आवश्यक है। इसके लिए आपको दैनिक जीवन में योग व व्यायाम के साथ ही आहार पर भी पूरा ध्यान देना चाहिए। आहार से मिलने वाले पोषक तत्वों का प्रभाव हमारे मूड, तनाव के स्तर, एकाग्रता व मस्तिष्क  के कार्यों पर पड़ता है। प्रत्येक व्यक्ति को अपने आहार में सब्जियां व पोषक तत्वों को शामिल करना चाहिए।

असंतुलित भोजन व्यक्ति के शरीर में कई तरह के रोगों का कारण बन सकते हैं। असंतुलित आहार से आपको आवश्यक विटामिन्स व मिनरल्स जैसे विटामिन ए, विटामिन बी 12, विटामिन डी, कैल्शियम, आयरन व फोलेट आदि सही मात्रा में नहीं मिल पाते हैं और आपको कई तरह की समस्याओं का समाना करना पड़ता है। बीते दिनों एक स्वस्थ्य संगठन की ओर से किए गए सर्वे में पाया गया कि 22 से 55 आयु के लोगों में पोषक तत्वों की कमीं के कारण मानसिक रोग उत्पन्न हो रहें हैं।

ऐसे में आपको अपने मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य पर पूरा ध्यान देना चाहिए और इसके लिए आप अपने आहार में कुछ बदलाव करके कई बड़ी परेशानियों से मुक्ति पा सकते हैं।

निम्न विटामिन आपके मानसिक स्वास्थ्य में अहम भूमिका निभाते हैं।

आगे बताए गए छह पोषक तत्व व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहायक होते हैं।

·        विटामिन बी 12 –
रोजाना के आहार में विटामिन बी 12 उचित मात्रा में लेने से आपका मस्तिष्क स्वस्थ बनाता है। इसके साथ ही शरीर के तंत्रिका ऊतकों और लाल रक्त कोशिकाओं को बनने में मदद मिलती है। विटामिन बी 12 के स्तर अधिक कमी होने से व्यक्ति को मानसिक परेशानियां उत्पन्न होने लगती है। ये विटामिन मीट, मछली व डेयरी उत्पादों में पाया जाता है। जो व्यक्ति शाकाहारी है, वह अन्य विकल्पों जैसे सप्लीमेंट दवाओं से भी इसकी पूर्ति कर सकते हैं।

·        विटामिन डी
विटामिन डी व्यक्ति के न्यूरोट्रांसमीटर के ठीक बनाए रखने में सहायक होता है, इसमें कमी आने से व्यक्ति को अवसाद, चिंता व मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े कई अन्य लक्षण महसूस होने लगते हैं। इसके साथ ही  विटामिन डी हमारी हड्डियों व दांतों के लिए भी बेहद आवश्यक होता है। सूर्य की रोशनी में बैठने या रहने से हमारा शरीर विटामिन डी की पूर्ति स्वंय कर लेता है। इसके अलावा कुछ आहार जैसे अंडे की जर्दी, फैटी फिश (fatty fish), चीज़ (Cheese) और जूस से विटामिन डी की पूर्ति की जा सकती है।

·        ओमेगा 3 फैटी एसिड –
ओमेगा 3 फैटी एसिड को ओमेगा 3 फैट व एन 3 भी कहा जाता है। यह तत्व हमारे शरीर व मस्तिष्क के लिए काफी लाभदायक होता है। ओमेगा 3 फैटी एसिड हृदय को स्वस्थ बनाता ह और सूजन व  स्व प्रतिरक्षित बीमारियों (ऑटोइम्यून रोग) को कम करने में मददगार साबित होता है। जबकि ओमेगा 3फैटी एसिड की कमी होने से मूड में तेजी परिवर्तन,  चिंता, अवसाद व एकाग्रता में कमी आदि समस्याएं उत्पन्न हो सकती है।

फैटी फिश (
fatty fish) जैसे सार्डिनेश (Sardiness), सैलमन (salmon) व मैकरील (Mackerel) आदि में आमेगा 3 फैटी एसिड प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इसके अलावा नट और बीजों से भी इसे ग्रहण किया जां सकता है।
 

·        मैग्नीशियम –
मैग्नीशियम हमारे शरीर के कई रासायनिक बदलावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस पोषक तत्व की कमी होने से व्यक्ति को बैचेनी, चिंता, घबराहट, चिड़चिड़ापन व नींद न आने की समस्या हो सकती है। 

हरी सब्जियां (पालक, मैथी, गोभी व अन्य), साबूत अनाज, फलियां, नट, बीज, डॉर्क चॉकलेट आदि मैग्नीशियम के स्त्रोत होते हैं।

·        सेलेनियम
सेलेनियम हमारे शरीर को संक्रमणों से बचाने का कार्य करता है। यह एक एंटीऑक्सिडेंट की तरह कार्य करता है और हमारे मूड को बेहतर बनाए रखने में सहायक होता है। व्यक्ति की थायराइड ग्रंथि को स्वस्थ बनाए रखने में अन्य कारकों की तरह ही सेलेनियम भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। व्यक्ति अपने आहार में अंडे, सूरजमुखी के बीज, चिकन, सैलमन मछली, चिया बीज, पनीर, ओटमिल, ब्राउन राइस व पालक आदि को शामिल कर सेलेनियम की मात्रा को पूरा कर सकता है।

·        जिंक
अच्छे स्वास्थ्य के लिए जिंक मिनिरल की आवश्यकता होती है। इसकी कमी से व्यक्ति को चिंता व मूड में तेजी से परिवर्तन, भूख न लगना व कमजोरी महसूस होने लगती है। जिंक की कमी को पूरा करने के लिए आप अपने आहार में साबूत अनाज, अंडे, डेयरी उत्पाद, फलियां, नट व बीज आदि को शामिल करें।

दिनचर्या को स्वस्थ बनाने के साथ ही पौष्टिक आहार का सेवन करना, नियमित व्यायाम करने से भी व्यक्ति अपने मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बना सकता है।

 

 

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