Omicron: कोरोना के इलाज में कौन सी दवाएं हैं असरदार और किनसे बनाएं दूरी? पढ़ें WHO क्या कहता है



 कोरोना का कहर देश में तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने और वैक्सीन की दोनों डोज लेना सभी के लिए बेहद जरूरी हो गया है। इस समय अधिकतर लोग फ्लू और कोरोना की चपेट में आने लगे हैं। आपको फ्लू और कोरोना के लक्षणों के बारे में पता होना चाहिए। साथ ही कोरोना के दौरान ली जाने वाली दवाओं के बारे में जानकारी होना बेहद आवश्यक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी WHO ने पिछले सप्ताह कोरोना के इलाज में दो नई दवाओं को शामिल किया है। आगे जानते हैं विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइडलाइन क्या कहती है।  कोरोना होने पर आपको किन दवाओं का इस्तेमाल करना चाहिए और किन दवाओं को लेने से बचना चाहिए।

WHO के अनुसार कौन सी दवाएं मरीज को दें

WHO के मुताबिक, कोविड-19 के इलाज में अब रुक्सोलिटिनिब, बारिसिटिनिब, कैसिरिविमैब-इमदेविमैब, सोत्रोविमैब, सरीलूमैब या टोसिलिजुमैब आदि कुछ दवाएं मरीज को दी जा सकती हैं। बारिसिटिनिब, सरीलूमैब, सिस्टमैटिक कोर्टिकोस्टेरॉयड और टोसिलिजुमैब जैसी दवाओं पर कुछ विशेषज्ञ लेने की सिफारिश करते हैं, जबकि टोफासिटिनिब, रुक्सोलिटिनिब, सोत्रोविमैब और कैसिरिविमैब-इमदेविमैब को विशेष परिस्थितियों व वैकल्पिक तौर पर मरीज को देने की बात कही जाती है। 

WHO ने दावा किया है कि इन दवाओं के इस्तेमाल से वायरस की वजह से मृत्यु का जोखिम, तेजी से बढ़ते मामलों और वेंटिलेटर में जानें की संभावनाएं कम हो जाती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइडलाइन में कुछ दवाओं का इस्तेमाल ना करने की सलाह भी दी गई है। दूसरी लहर में कई देशों में इन दवाओं का उपयोग किया गया था। 

ये दवाएं ना करें इस्तेमाल
WHO ने दूसरी लहर में अधिक इस्तेमाल होने वाली रेमेडिसिविर को इस्तेमाल ना करने की सिफारिश की है। साथ ही लोपिनाविर/रिटोनाविर, हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन और आइवरमेक्टिन को उपयोग में ना लाने की भी सिफारिश की गई है। विशेषज्ञों के अनुसार इन दवाओं के इस्तेमाल से हॉस्पिटलाइजेशन व मृत्यु के जोखिम कम होते हैं ऐसे साक्ष्य मौजूद नहीं हैं। 

बच्चों को कौन सी दवाएं दी जा सकती हैं? Medicine For Corona Treatment

WHO के द्वारा जारी नई गाइडलाइन के मुताबिक, बच्चों को कोरोना होने पर कैसिरिविमैब-इमदेविमैब दवा दी जा सकती है। हेल्थ बॉडी के कहा कि कोरोना से कम बच्चे गंभीर रूप से बीमार हो रहे हैं, ये हमारे लिए अच्छी बात हैं। लेकिन यदि किसी बच्चे के लक्षण गंभीर होने लगे तो उसको ऊपर बताई गई दवा फायदेमंद साबित हो सकती है। 

इसके अलावा यूएन हेल्थ एजेंसी ने टोसिलिजुमैब दवा को बच्चों के इलाज में इस्तेमाल करने की सिफारिश की है। कुछ विशेष तरह के लक्षण दिखाई देने पर ही इस दवा का उपयोग किया जा सकता है। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि सरीलूमैब बच्चों के लिए नहीं है।

वैक्सीन से ही कोरोना दी जा सकती है मात: Medicine Avoid for Corona Treatment 

WHO के मुताबिक कोरोना के वायरस को रोकने के आज भी वैक्सीन ही एक मात्र कदम है। कुछ अमीर देशों में वैक्सीन की पूरी मात्रा होने से वहां के नागरिकों में मृत्यु व अस्पताल में भर्ती होने की दर में कमी आई है। वहीं कम आय वाले कुछ देशों में वैक्सीन की कमी बड़े खतरे की ओर इशारा करती है। 

Post a Comment

0 Comments